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हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension): एक चुपचाप हमला करने वाली बीमारी और उससे बचने के उपाय |
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension): एक चुपचाप हमला करने वाली बीमारी और उससे बचने के उपाय
क्या आप जानते हैं? भारत में हर तीसरा वयस्क हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन से पीड़ित है, लेकिन उनमें से आधों को इसका पता भी नहीं होता। यह बीमारी 'Silent Killer' इसलिए कही जाती है क्योंकि यह बिना लक्षणों के भी दिल, किडनी और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि हाइपरटेंशन क्या है, इसके कारण, लक्षण, इलाज और इससे कैसे बचा जाए।
हाइपरटेंशन क्या होता है और यह क्यों खतरनाक है?
जब आपके शरीर में खून का दबाव लगातार 140/90 mmHg या उससे अधिक बना रहता है, तो इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह ब्लड वेसल्स पर अधिक दबाव डालता है जिससे दिल और अन्य अंगों पर असर पड़ता है।
हाइपरटेंशन मुख्यतः दो तरह का होता है:
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प्राइमरी हाइपरटेंशन: यह उम्र, पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली की वजह से धीरे-धीरे विकसित होता है।
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सेकेंडरी हाइपरटेंशन: यह किसी दूसरी बीमारी जैसे कि किडनी रोग, हार्मोनल गड़बड़ी या कुछ दवाओं के कारण हो सकता है।
⚠️ ध्यान दें: हाइपरटेंशन का असर धीमा होता है, लेकिन यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
हाइपरटेंशन के कारण और लक्षण – कब सतर्क हों?
✅ मुख्य कारण:
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भोजन में अधिक नमक और फास्ट फूड का सेवन
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शारीरिक गतिविधियों की कमी
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मोटापा, तनाव, और नींद की कमी
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धूम्रपान और शराब
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डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल का साथ होना
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पारिवारिक इतिहास या आनुवंशिक कारण
संभावित लक्षण:
कई बार हाइपरटेंशन बिना किसी संकेत के सामने आता है, लेकिन इन लक्षणों पर ध्यान दें:
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बार-बार सिरदर्द
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थकान, चक्कर या धुंधली दृष्टि
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नाक से खून आना
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सीने में दर्द या सांस फूलना
सच यह है: बहुत बार लोग तब जान पाते हैं जब बीमारी गंभीर हो चुकी होती है। इसलिए नियमित जांच जरूरी है।
हाइपरटेंशन से बचाव और इलाज: छोटे बदलाव, बड़ा असर
खानपान में बदलाव करें (DASH Diet):
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फल, हरी सब्ज़ियाँ, ओट्स, और साबुत अनाज शामिल करें
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नमक < 1500mg/day रखें
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केला, पालक जैसे पोटैशियम युक्त आहार लें
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तली-भुनी चीजें कम करें और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें
शारीरिक गतिविधियाँ बढ़ाएं:
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रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तेज़ चलना
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योग और ध्यान तनाव को दूर करने में मददगार
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हफ्ते में 2 बार हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
नशे से बचें:
- धूम्रपान तुरंत छोड़ें; यह ब्लड प्रेशर को तेजी से बढ़ाता है
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शराब का सेवन सीमित करें या पूरी तरह छोड़ दें
तनाव प्रबंधन जरूरी है:
मेडिटेशन, गहरी सांसें, और भरपूर नींद लें
7–8 घंटे की नींद आपके शरीर के लिए वरदान है
हाइपरटेंशन का इलाज: डॉक्टर से सलाह लें, खुद से नहीं
अगर जीवनशैली में बदलाव से BP कंट्रोल नहीं हो रहा, तो डॉक्टर निम्न दवाइयाँ दे सकते हैं:
नियमित जाँच कराना बेहद जरूरी है। घर पर BP मॉनिटर से भी निगरानी की जा सकती है।
हाइपरटेंशन और कोलेस्ट्रॉल: डबल खतरा
अगर ब्लड प्रेशर के साथ कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा हुआ है, तो दिल की बीमारियों का खतरा दो गुना हो जाता है। इसलिए BP के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच भी ज़रूरी है।
कब करानी चाहिए जांच?
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अगर आपकी उम्र 30 साल से अधिक है
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परिवार में किसी को हृदय रोग, डायबिटीज या हाइपरटेंशन है
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साल में कम से कम एक बार: BP, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर टेस्ट कराएं
BP को नज़रअंदाज़ न करें
हाइपरटेंशन भले ही चुपचाप बढ़ता है, लेकिन इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। यदि आप समय पर इसकी पहचान कर लें और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करें, तो इसे आसानी से काबू में रखा जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली ही सबसे बड़ी दवा है।
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